
आँखों में आस है
दिल में भी प्यास है
जाने फिर क्यों मेरा मन
आज बहुत उदास है
चलता रहा एक रास्ते पे
दोस्त नहीं यार नहीं
उड़ता रहा हवाओं में
पर्वतों की छाओं में
सब कुछ है एक सा
वही सब पुराना है
फिर भी कुछ ख़ास है
और मेरा मन आज कुछ उदास है
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It's totally manifest, isn't it?
2 comments:
कुछ ख़ास है इन शब्दो में ... बहुत ही बढ़ियाँ !
जी धन्यवाद |
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