तेरा मुझे यूँ प्यार से सुबह जगाना
काम के समय अपने हाथों से खाना खिलाना
नित नए व्यंजन सीखना और बनाना
और मुझे खाते देख मंद मंद मुस्कुराना
तेरे प्यार की हदों से अनजान हूँ मैं
तू मेरी पहचान और तेरी पहचान हूँ मैं
तेरा शोनू-शोनू कह के मुझे बुलाना
थके होने पर भी अपनी मुस्कान से मुझे हँसाना
खुशी या डर में मुझसे बस लिपट जाना
और मेरी बाहों में सुकून से खो जाना
तेरी धरती को ढकता आसमान हूँ मैं
तू मेरी पहचान और तेरी पहचान हूँ मैं
तू मेरी पुस्तक और उस पुस्तक का ज्ञान हूँ मैं
तुझ बिन एक आधा-अधूरा इंसान हूँ मैं
गर इंसान का वजूद बस पहचान है तो
तू मेरी पहचान और तेरी पहचान हूँ मैं
काम के समय अपने हाथों से खाना खिलाना
नित नए व्यंजन सीखना और बनाना
और मुझे खाते देख मंद मंद मुस्कुराना
तेरे प्यार की हदों से अनजान हूँ मैं
तू मेरी पहचान और तेरी पहचान हूँ मैं
तेरा शोनू-शोनू कह के मुझे बुलाना
थके होने पर भी अपनी मुस्कान से मुझे हँसाना
खुशी या डर में मुझसे बस लिपट जाना
और मेरी बाहों में सुकून से खो जाना
तेरी धरती को ढकता आसमान हूँ मैं
तू मेरी पहचान और तेरी पहचान हूँ मैं
तू मेरी पुस्तक और उस पुस्तक का ज्ञान हूँ मैं
तुझ बिन एक आधा-अधूरा इंसान हूँ मैं
गर इंसान का वजूद बस पहचान है तो
तू मेरी पहचान और तेरी पहचान हूँ मैं
No comments:
Post a Comment