Jun 20, 2015

पहचान

तेरा मुझे यूँ प्यार से सुबह जगाना
काम के समय अपने हाथों से खाना खिलाना
नित नए व्यंजन सीखना और बनाना
और मुझे खाते देख मंद मंद मुस्कुराना
तेरे प्यार की हदों से अनजान हूँ मैं
तू मेरी पहचान और तेरी पहचान हूँ मैं

तेरा शोनू-शोनू कह के मुझे बुलाना
थके होने पर भी अपनी मुस्कान से मुझे हँसाना
खुशी या डर में मुझसे बस लिपट जाना
और मेरी बाहों में सुकून से खो जाना
तेरी धरती को ढकता आसमान हूँ मैं
तू मेरी पहचान और तेरी पहचान हूँ मैं

तू मेरी पुस्तक और उस पुस्तक का ज्ञान हूँ मैं
तुझ बिन एक आधा-अधूरा इंसान हूँ मैं
गर इंसान का वजूद बस पहचान है तो
तू मेरी पहचान और तेरी पहचान हूँ मैं
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